Saturday 18 February 2017

   जहाँ गिरे थे माँ सती के कान : भीमाकाली मंदिर 

भीमाकाली मंदिर (सरहन)

पर्वतराज हिमालय की पावन पवित्र वादियों मे बसा हिमाचल प्रदेश सम्पूर्ण विश्व मे देवभूमि के नाम से विख्यात है। देवी-देवताओं,ऋषि मुनियों,साधकों एंव चिंतकों की इस निवास भूमि मे शिव एंव शक्ति के अनेकों ऐसे तीर्थस्थल हैं जिनकी पूजा से मनुष्य को एक आध्यात्मिक एंव आत्मिक सुख की अनुभूति प्राप्त होती है। पारंपरिक तीर्थस्थलों से हटकर ऐसा ही एक दिव्य एंव आलौकिक स्थान है भीमा काली मंदिर। 51 शक्तिपीठों मे से एक इस पवित्र स्थान पर माँ सती के कान गिरे थे। प्रकृति के अद्भुत नज़ारो के बीच बसा भीमाकाली मंदिर तीर्थयात्रियों एंव सैलानियों दोनों के ही आकर्षण का केंद्र है।

देवभूमि हिमाचल प्रदेश 

प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 180किमी. की दूरी पर स्थित है सरहन। प्राचीन मान्यता के अनुसार किन्नर कैलाश प्रदेश की राजधानी शौणितपुर थी।  जोकि वर्तमान मे सरहन के नाम से जानी जाती है। यहीं पर कैलाश निवासी महादेव शिव के परम भक्त बाणासुर का साम्राज्य था। दंत कथा के अनुसार बाणा सुर की पुत्री उषा एंव श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के विवाह प्रसंग को लेकर बाणासुर एंव श्री कृष्ण मे भयंकर युद्ध हुआ,जिसमे भगवान शिव ने अपने परम भक्त बाणासुर का साथ दिया,किन्तु युद्ध के अंत मे बाणा सुर की मृत्यु के उपरांत श्री कृष्ण के पुत्र एंव अनिरुद्ध के पिता प्रदुमन ने इस राज्य की बागडोर संभाली। तब से आज़ादी तक बुशयार राज्य की बागडोर प्रदुमन के वंशजों के हाथों मे रही। आरोहिक्रम से बने तीन प्रांगणों मे माँ श्री भीमाकाली का पौराणिक भव्य मंदिर प्रतिष्ठित है। मंदिर परिसर मे प्रवेश करते ही सर्वप्रथम कोट शैली मे बने पाँच मंज़िलों के दो सुंदर भवन स्थित हैं। सबसे ऊपर की मंज़िल मे पहुँच कर भक्त माँ आदिशक्ति भीमाकाली के दर्शन करते हैं। चित को आकर्षित करती माँ की सुंदर भव्य मूर्ति को नमन कर भक्त माँ भीमाकाली का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

कोट शैली मे निर्मित मंदिर की इमारत 

नीचे की मंज़िल मे राजा हिमाचल की पुत्री माँ पार्वती की सुंदर मूर्ति स्थापित है। मंदिर का शान्त एकांत वातावरण तीर्थयात्रियों के चित को एक अलौकिक आनंद से प्रफुल्लित कर देता है। निपुण कारीगरों द्वारा की गई सुंदर नक्काशी अद्भुत काष्टकला का नमूना पेश करती है। साफ मौसम मे मंदिर के सामने की ओर दृष्टि डालने पर परम पवित्र श्रीखंड कैलाश पर्वत के पुनीत दर्शन तीर्थयात्रियों को प्राप्त होते हैं। मंदिर परिसर मे ही अन्य तीन मंदिरों मे भगवान रघुनाथ,नरसिंह एंव पाताल भैरव की मूर्तियाँ प्रतिष्ठित है। प्राचीन ग्रन्थों मे भी भीमा काली मंदिर का उल्लेख पाये जाने के कारण मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। वर्तमान मे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता मे मंदिरन्यास का गठन किया गया। न्यास द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु मंदिर परिसर मे ही कुछ कमरों एंव एक कैंटीन की व्यवस्था की गयी है। हिमाचल की सुंदर वादियों  मे ऐसे दिव्य अलौकिक स्थान के दर्शनोपरांत तीर्थयात्री भावविभोर होकर माँ को बारंबार नमस्कार करते है।        

भीमाकाली मंदिर समूह 

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