रहस्यमयी मन्दिर जहाँ नहीं टिक पाती छत : शिकारी देवी
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माँ शिकारी देवी मन्दिर
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सम्पूर्ण विश्व में देवात्मा हिमालय अपनी अपूर्व प्राकृतिक सुन्दरता के लिए विख्यात है। इसी हिमालय में स्थित देव भूमि हिमाचल में अनेकों ऐसे प्राकृतिक देव स्थल विद्यमान हैं जो स्वयं में कई रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक रहस्यमयी एंव अलौकिक देव स्थल है - माँ शिकारी देवी। महृषि मार्कण्डेय ने इस सुन्दर स्थान पर कई वर्षों तप किया जिससे प्रसन्न होकर माँ यहीं विराजमान हो गयीं। प्राचीन मान्यता के अनुसार पाण्डव पुत्रों ने अपने बनवास काल में माँ को प्रसन्न करने हेतू यहाँ मंदिर का निर्माण किया था। मन्दिर तो बन गया किन्तु किसी कारणवश छत का निर्माण करने से पूर्व ही उन्हें यहाँ से पलायन करना पड़ा। कहा जाता है कि तभी से देवी प्रकोप के कारण यहाँ कई बार कोशिश करने के बावजूद छत निर्माण का कार्य सम्पन्न नहीं हो पाया। मन्दिर के आस-पास कई सराय निर्मित हैं,जिनपर छत बनाना आसान था किन्तु मंदिर पर छत बनने से पहले ही ढह जाने का सिलसिला हर बार जारी रहा। शरद ऋतु में यह सम्पूर्ण क्षेत्र 10-15 फुट बर्फ से ढक जाता है। किन्तु यह माँ का चमत्कार ही है कि शिकारी देवी मन्दिर परिसर में बर्फ नहीं टिक पाती। विज्ञान भी आज तक इन चमत्कारों को चुनोती नहीं दे पाया।
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शिकारी देवी मन्दिर इतिहास
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शिखर पर स्थित शिकारी देवी मंदिर
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माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए लेखक
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मन्दिर कमेटी की सराय
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वन विभाग का विश्राम ग्रह
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